कविता
किसी की बातों से
किसी के तानों से
किसी की तारीफ़ से
किसी के उलाहनों से
दिल को अक्सर बहला लेते हैं
जीने का सबक सीख लिया है
जीवन से दो चार होते होते पर
टूटेंगे कभी नही आज ये बता देते हैं…..!
— सविता दास
किसी की बातों से
किसी के तानों से
किसी की तारीफ़ से
किसी के उलाहनों से
दिल को अक्सर बहला लेते हैं
जीने का सबक सीख लिया है
जीवन से दो चार होते होते पर
टूटेंगे कभी नही आज ये बता देते हैं…..!
— सविता दास