कविता

वजूद को बचाना है तो

सब लोग अक्सर कहते हैं कि इस दुनिया में झूठी तकरीर ही सियासत है यहां,
भूल जाते हैं लोग इस बात को यह नहीं सही सियासत है।
झूठ बोलकर सच को छुपाना चाहते हैं हरेक लोग यहां,
इस इल्म को हासिल करना चाहते हैं सब ,बन जाते इसके हिमायत हैं।
हरेक पड़ाव पर वादे करते हुए साथ देने की बातें करने की कोशिशें जारी है,
वक्त पर खरा उतरने की नहीं देखी जाती यह रिवायत है।
कौन से खानदान में जिन्दा जिस्म को तबज्जों दिया गया है,
मरने पर तो हरेक मज़हब मानने वाले लोगों की भीड़ उमड़ने की दिखता रिवायत है।
ख्वाबों से दोस्ती का दस्तूर काफी पूरानी है इस जहां में यहां,
नींदों से दुश्मनी तो आज़ बन चुकी प्यार के खेल में एक बदनाम सियासत है।
मतलबी निगाहों से मत देख समन्दर की तरह इस जहां में यहां,
यह कैसा बड़प्पन है कि लहरों से सताई हुई लाशें कि करते सियासत है।
दोस्ती की आजमाइश तो जनाब पतझड़ के वक्त दिखाई देती है,
सावन की दिशा और दशा से दोस्ती की परख नहीं होती,यही आज़ की नई रिवायत है।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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