दोहावली
१)
कहना सहज सरल बड़ा, करना मुश्किल जान।
शिखर पास दिखता मगर, चढते लगे थकान।।
२)
स्वस्थ आप रहना सदा, फले, खिले संसार।
महके, चहके पुष्प सी, सुरभित बाग बहार।।
३)
साथ समय के नित चले, समय बडा बलवान।
बीत गया लौटे नहीं, सदा रहे गतिमान।।
४)
फूलों जैसे नित हमें, महकाना है बाग़।
जीवन छोटा हो भले, छितराना अनुराग।।
५)
आगे ही बढते रहे, हो पथ में यदि शूल।
कोशिश जो करते रहे, खिलते सुरभित फूल।।