कविता

ऐलान

खड़े हो करके जनता बीच ये ऐलान करती हूँ
मैं भारत माँ की बेटी हूँ, तिरंगा शीश रखती हूँ
सनातन धर्म के खातिर मैं अपने प्राण भी दे दूँ
प्राण दुष्टों के हरने का भी दम हृदय में रखती हूँ
मैं भजती राम को लेकिन श्याम को दिल में रखती हूँ
मैं मर्यादा में रह कर भी, कृष्ण सा व्यूह रचती हूँ
मुझे माँ शारदे से जो मिला वरदान कविता है
उसी से मैं सनातन जागरण का काम करती हूँ।

— अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - [email protected]