इतिहास ज्ञान
बाबा साहब ने कहा था कि
भविष्य का सफर तय करने के लिए
अपने इतिहास का ज्ञान जरूरी है,
जिसके बिना जीवन में आती मजबूरी है,
दमित तबके का लड़का दगड़ू स्कूल गया,
वही मैले कुचैले कपड़े कुछ भी नहीं नया,
गुरुजी ने पूछा बता रे दगड़ू
बाहर से क्या क्या जानकारी लाता है,
हम सबको सुना क्या बता पाता है,
गुरुजी मैं जब भी आंखें बंद करता हूं,
अपने अतीत में ही कदम धरता हूं,
तब मुझे एक ही लक्ष्य दिखता है स्कूल,
जहां हमारा जाना नहीं था किसी को कुबूल,
सदियों से हमारी भी ख्वाहिश रही है शिक्षा,
जिसे कब्जे में रख खास लोगों को और
जातियों को दिया जाता था दीक्षा,
हमसे नफरत करने वाले
हमें जब तब लूट जाता था,
बिना किसी कारण
हमारा भाग फूट जाता था,
हम कुछ लोगों को देखकर सिहरते थे,
जब वो हमारी बस्तियों से गुजरते थे,
हम सिर्फ दोपहर में निकल सकते थे,
उनके चले राहों पर नहीं चल सकते थे,
रखना पड़ता था अपनी
छाया को लोगों से दूर,
कसमसा रह जाते
अमानवीय व्यवस्था से हो मजबूर,
अच्छा हुआ आज बाबा साहब
चहुंओर जगमगा रहा है,
जिसके बदौलत प्रकाश
हमारे घरों तक आ रहा है,
जिसे हम किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे दूर,
मर्जी के मालिक हैं नहीं अब कोई हुजूर,
मास्टर जी अवाक थे कि
ये कहां से लाया इतना ज्ञान,
इतिहास जाना इसने पढ़ कर संविधान,
संविधान ने ही इनमें चेतना लाया है,
तभी तो इतना कुछ ये जान पाया है।
— राजेन्द्र लाहिरी