रूह में घुली हुई
यही वजह है यहां,
सब प्यार और प्रेम से भरी हुई
हंसती मुस्कुराती जिंदगी में,
उम्मीद करते हैं यहां।
नजदिकियां बढ़ाने में,
सब लोग अक्सर सोचते हैं,
खुद को सजाने संवारने में ही,
अक्सर लगे हुए रहते हैं।
रूह में घुली हुई प्रेम की,
एक उम्दा आगाज़ अक्सर सुनाई देती है।
मंजिल मिल ही गया तो,
फिर क्यों दुआओं की,
उम्मीद बनाएं रखने की,
जरूरत दिखाई देती है।
यही वजह है कि सब लोग,
इसकी सोहबत में रहना पसंद करते हैं।
क्षणिक आवेश में आकर,
अपनी फितरत नहीं बदलते हैं।
रूह को सुनाई देने वाली ताकत बनकर,
जिंदगी जीने वाले शखिसियत ही,
आगे बढ़ते हुए क़दम उठाते हैं।
खुशियां अपार मिले,
इसकी वजह से रूबरू होना पसन्द करने लग जाते हैं।
— डॉ. अशोक, पटना