मेहनत की अनमोल वादियां
जुर्रत कर रहे थे सब,
यही उम्मीद है यहां ।
मेहनत और लगन से ही,
मिलता है यही जहां।
प्यारी वादियों में,
रहने का सुकून मिलता है।
उम्मीदों पर खरा उतरने का,
सिलसिला दिखता है।
यही है मेहनत और लगन का,
एक उम्दा आगाज़।
सबसे खूबसूरत उपहार है,
देती है एक सुखद आवाज।
कितनी बार यह तकलीफें झेलने की,
कोशिश की थी इस जहां में।
आज़ इस ताकत से निकली हुई आवाज में,
सब कुछ हासिल करने की,
ज़िद दिखाई देने लगी है अब,
सब की खिदमत में यहां में।
इन वादियों में,
सबको जगह नहीं मिलती है यहां।
रंग और उत्साह से,
जो भरपूर होकर लड़ते हुए,
रहते हैं इस जहां में।
— डॉ. अशोक, पटना