बटवारा
राजा बैताल की शर्तों को स्वीकार कर उसे अपने कंधे पर डाल कर अपनी मंजिल की ओर चल पड़ा था। बैताल ने कहना शुरू किया, ‘’ राजन, एक सेठ के दो बेटे थे। बेटे जवान हो गए, उनकी शादी हो गई। तो उसने अपनी संपत्ति का बटवारा करने की सोची। उसने बेटों को बुलाया और बताया कि वह अपनी संपत्ति दोनों बेटों में बाँट कर मुक्त होना चाहते हैं। वह एक बेटे को अपनी तीन चौथाई संपत्ति तथा दूसरे बेटे को एक चौथाई संपत्ति दे कर उसी बेटे के साथ वह रहना भी चाहते हैं।
राजन, जिस बेटे को वह एक चौथाई संपत्ति देना चाहते हैं, उसी के साथ रह कर वह उस पर बोझ भी बनना चाहते हैं। क्या उनका यह निर्णय सही है ? यदि सही है, तो किस कारण ? यदि जानते हो तो शर्त के अनुसार बताओ ! ‘’
‘’ सेठ का निर्णय सही था, क्योकि सेठ का व्यापार कौशल उस बेटे की एक चौथाई संपत्ति को फिर से दूसरे बेटे की तीन चौथाई संपत्ति से भी ज्यादा बना देगा। फिर पिता का आशीर्वाद बेटे की बड़ी ताकत होता है। ‘’
राजा के बोलते ही बैताल फिर पेड़ पर जा बैठा।
— विष्णु सक्सेना