कामयाबी
यही एक वजह है,
जिसकी तासीर ठंडी हो या ठंडी,
किसी को पसन्द नहीं आती है,
मुस्कुराते हुए हमदर्दी जताते हैं लोग,
परन्तु वास्तविकता में,
दिल से दुआ नही दी जाती है।
अपने हमदर्द दोस्तों को,
इसकी सोहबत ठीक नहीं लगता है।
ख़ुद को ख़ुद से ही,
दूरियां बनाने में आगे बढ़ने की,
कोशिश करनी शुरू कर,
नया रास्ता ढूंढता रहता है।
यही कारण है कि सब लोग,
इस इल्म को हासिल करने में विश्वास करते हैं।
ज्ञान विज्ञान में रुचि रखते हुए,
एतबार करने वाले लोगों में शुमार हो जाते हैं।
यही दस्तूर है कि,
दुआओं में असर नहीं दिखता है।
सब अपनी हिफाजत करने में,
आगे बढ़ने की हमेशा जीत की कोशिश करते हुए,
नया इतिहास रचते हुए,
लोगों को अपनी खातिर ईमान बिकने की भी,
परवाह नहीं करता है।
यही वजह है कि,
हमदर्द दोस्तों की सोहबत खत्म हो जाती है।
दूरियां बनाने में कामयाब होने की,
कोशिश बढ़ती जाती है।
— डॉ. अशोक, पटना