जुदाई में
यही वजह है कि सब चाहते हैं,
हमेशा याद किए जाते हैं।
जुनून हो गई है आज़ इस खता की,
हमेशा सम्भल कर जीना सिखातें हैं।
यही रब सिखाता है,
सच्चे हमदर्द की तलाश में,
हमेशा नया इतिहास बताता है।
अगर सच में ही यही वजह है तो,
जुदाई से उसे हमेशा दूर रखे।
इस लिए समय-समय पर,
इस इल्म को हासिल करने में,
मजबूती से हांथ पकड़ कर,
सामने दुनिया से लडने में ,
हर पल तन्हा में खूब मदद करें।
कयामत इसकी उम्र बनें,
जुदाई बिल्कुल दूर रहें।
सपनों को पूरा करने में,
हमेशा एक जिम्मेदारी निभाएं।
ऊंची आवाज में कहकर,
दुनिया को अलविदा कह कर,
एक उम्दा आगाज़ दिखाएं।
फ़िदा हो गये तो फिर कयामत तक,
यही जुनून रहनी चाहिए।
इस इल्म को हासिल करने में,
दिल से कोशिश करनी चाहिए।
जुदाई मौत तो नहीं देता है,
परन्तु तमाम तरह की खुशियां,
खत्म करने में अव्वल बनकर,
हमेशा याद रखने की,
एक उम्मीद पैदा करने में मदद करता है।
— डॉ. अशोक, पटना