ज़िद की ताकत
ज़िद की ताकत से,
रूबरू कराने की कोशिश करनी चाहिए।
यही प्रवृत्ति देती है,
सम्भालकर जिंदगी को,
आगे बढ़ानी चाहिए।
उम्र की बाधाएं नहीं तोड़ सकती है राह,
खूबसूरत लहज़े में,
थोड़ी भली सी देती है पनाह।
ठोकरें खाने वाले लोगों को,
ज़िद की ताकत से रूबरू होना पड़ता है।
यही हकीकत है,
सफलता तभी मिलता है।
परिस्थितियों में बदलाव लाने की,
मजबूत ताकत बनकर तैयार रहनी चाहिए यहां।
सफ़र इधर-उधर न हो,
दृढ़संकल्प की कोशिश करनी चाहिए यहां।
मन को तसल्ली देने वाली बात सामने आती है,
नवीन प्रयास और प्रयोग से,
सियासत दिखाई देती है।
— डॉ. अशोक, पटना