सच्चे होने की बात
दावा तो कर रहे हो कि
सच बोलूंगा, लिखूंगा,
इंसान हूं इंसान दिखूंगा,
मगर आप भी राजनीति की
चाल दिखा रहे हो,
हमें अहमक समझ सीखा रहे हो,
बताओ तो अभी तक आपने
क्या क्या सच बोला या लिखा,
आपमें कब कब भारतीय नागरिक दिखा,
कभी किसी पाखंड का विरोध किया,
ये सब छोड़ने का उपदेश दिया,
आप खुलकर इन सबके पीछे जा रहे हो,
खुद को इस देश का नागरिक नहीं
धर्म विशेष का व्यक्ति दिखा रहे हो,
आपके किसी बोल या लेख से
कभी लगा ही नहीं कि
आप अंधविश्वास मिटाना चाहते हैं,
समय समय दिखे अपने रंग रूप से
कट्टर दिखाना चाहते हैं,
मेरे अजीज मित्र अस्पृश्यता तो
आपके रग रग में भरा है,
दमितों के जख्मों को
समय समय पर कर जाते हरा हैं,
जबकि हर तरह की बुराई मिटाना
आपका सबसे पहला फर्ज है,
क्या नहीं मालूम कि इस देश का
आप पर कितना बड़ा कर्ज है,
जाओ पहले सच्चा भारतीय बनके आओ,
और अपने अंदर समता,समानता,
इंसानियत और सच्चे नागरिक का गुण लाओ।
— राजेन्द्र लाहिरी