लघुकथा

चिड़िया

अभी अभी तो उसने उड़ना सीखा है।अभी वो हवा का सामना कैसे करेंगी।कल ही की बात है कितना जोरदार तूफान आया था। कितने मजबूत पेड़ कैसे उखड़ गए थे। जैसे कोई तिनका हो।उसका क्या हाल हुआ होगा।वो मन ही सोच रही थी। तभी वो देखती है कि उसकी नन्हीं चीडिया घर वपिस लौट कर आ रही है। उसके मन में हजारों सवाल किसी तूफान की तरह आ रहे थे।
वो बहुत परेशान थी। जैसे हर मां परेशान हो जाती है। अपने बच्चों को घर पर न पाकर हो जाती है। वो चिड़िया घबराकर पूछतीं है बेटा ठीक तो हो। कल का दिन कैसा गुजरा। कोई परेशानी तो नहीं हुई तुमको। बताओ ना । वैसे भी मैं मां हूं, झूठ पकड़ लेती हूं.

— अभिषेक जैन

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश

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