कुण्डली/छंद

कुंडलिया छंद

कल्याणी मन भावना, आस्था से कर भक्ति।

ईश्वर प्रेम प्रभाव में, भव तारण की शक्ति।।

भव तारण की शक्ति, पाप सब घुल जायेंगे।

होगा श्रद्धा भाव, भाग्य तारे दमकेंगे।।

मन मंदिर प्रभु धाम, स्नेह हो मीठी वाणी। 

ममता की हो छाँव, कामना हो कल्याणी।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

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