भाषा-साहित्य

कविता साहित्यिक रचना के साथ एक कलात्मक और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भी है

कविता में लिखना एक अद्भुत अनुभव होता है! कविता एक ऐसी अभिव्यक्ति है जो आपको अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को एक सुंदर और रचनात्मक तरीके से व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है।
कविता में लिखने से आप अपने अंदर की भावनाओं को समझने और व्यक्त करने का मौका पाते हैं। यह आपको अपने विचारों को संगठित करने और उन्हें एक सुंदर और अर्थपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करने में मदद करता है।
कविता में लिखने के दौरान, आप अपनी कल्पना को खुलकर व्यक्त कर सकते हैं और अपने शब्दों को एक सुंदर और अनोखे तरीके से पिरो सकते हैं। यह आपको अपनी रचनात्मकता को बढ़ावा देने और अपने विचारों को एक नए और अनोखे तरीके से व्यक्त करने में मदद करता है।
कुल मिलाकर, कविता में लिखना एक अद्भुत अनुभव होता है।
कविता एक साहित्यिक रचना है जो शब्दों के माध्यम से भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करती है। कविता में शब्दों का चयन, उनका क्रम और उनका अर्थ विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। कविता का उद्देश्य पाठक या श्रोता को भावनात्मक और बौद्धिक रूप से प्रभावित करना होता है।
वर्तमान परिवेश में कविता का बदलता स्वरूप।
वर्तमान परिवेश में कविता का रूप बदल रहा है। कविता अब केवल पारंपरिक रूप में नहीं लिखी जा रही है, बल्कि यह नए और अनोखे रूपों में भी विकसित हो रही है। कुछ बदलाव जो कविता में देखे जा सकते हैं।
नई विषय-वस्तु,कविता में अब नए और विविध विषयों को शामिल किया जा रहा है, जैसे कि पर्यावरण, सामाजिक न्याय, और व्यक्तिगत स्वतंत्रता।
नए रूप और शैलियाँ,कविता में अब नए रूप और शैलियों का प्रयोग किया जा रहा है, जैसे कि फ्री वर्स, स्पोकन वर्ड, और डिजिटल कविता।
नए माध्यम,कविता अब केवल पुस्तकों और पत्रिकाओं में नहीं प्रकाशित हो रही है, बल्कि यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, और डिजिटल माध्यमों पर भी प्रकाशित हो रही है।
कविता का नया रूप विविध और गतिशील है। यह नए विषयों, रूपों और शैलियों को शामिल करता है, और नए माध्यमों पर प्रकाशित होता है। कविता अब केवल एक साहित्यिक रचना नहीं है, बल्कि यह एक कलात्मक और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भी है।
फ्री वर्स, स्पोकन वर्ड और वर्ड स्पोकन वर्ड कविता के नए और अनोखे रूप हैं जो कविता की पारंपरिक शैलियों से अलग हैं। इन रूपों का अर्थ निम्नलिखित है,
फ्री वर्स (Free Verse)
फ्री वर्स कविता का एक रूप है जिसमें कवि को किसी भी पारंपरिक शैली या नियमों का पालन नहीं करना पड़ता है। इसमें कवि अपने विचारों और भावनाओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकता है। फ्री वर्स कविता में अक्सर छंद, लय और शब्दों का चयन कवि की पसंद पर निर्भर करता है।
स्पोकन वर्ड (Spoken Word)
स्पोकन वर्ड कविता का एक रूप है जिसमें कविता को मौखिक रूप से प्रस्तुत किया जाता है। इसमें कवि अपनी कविता को स्वयं पढ़ता है और अक्सर इसमें अभिनय, संगीत और अन्य कलात्मक तत्वों का समावेश होता है। स्पोकन वर्ड कविता में कवि की आवाज़, शैली और प्रस्तुति का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
वर्ड स्पोकन वर्ड (Word Spoken Word)
वर्ड स्पोकन वर्ड कविता का एक रूप है जिसमें कविता को मौखिक रूप से प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन इसमें कविता के शब्दों को विशेष रूप से चुना जाता है ताकि वे सुनने में अच्छे लगें। इसमें कवि अपनी कविता को स्वयं पढ़ता है और अक्सर इसमें अभिनय, संगीत और अन्य कलात्मक तत्वों का समावेश होता है। वर्ड स्पोकन वर्ड कविता में कवि की आवाज़, शैली और प्रस्तुति का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

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