मधुर मनोहर रूप है
मधुर मनोहर रूप है, सुंदर मेरे श्याम।
देख नयन पुलकित हुए, लगा सुखद अभिराम।।
मधुर मनोहर श्याम जी, जग के पालनहार।
दया करो हे श्याम जी, करो मुझे भव पार।।
मधुर मनोहर श्याम जी, कितना सुंदर रूप।
जग में छवि है आप की, लगती बड़ी अनूप।।
मधुर मनोहर रूप में, दिखते सुंदर श्याम।
उमड़ा मन में प्यार है, जपूॅं सदा नित नाम।।
मधुर मनोहर रूप प्रभु, मीरा हुई निहाल।
मस्त हुई जो नाम में, छोड़ दिये जंजाल।।
मधुर मनोहर नाम है, कृष्ण कहो या राम।
अपना कर के आप ही, ले जाते निज धाम।।
मधुर मनोहर राम जी, तेरे रूप हजार।
जो ध्याये जिस रूप में, कर लेते स्वीकार।।
मधुर मनोहर हे सखा, दो हर पग पर साथ।
‘शिव’ पतित बड़ा दीन है, रखिये सिर पर हाथ।।
— शिव सन्याल