मुक्तक/दोहा

मधुर मनोहर रूप है

मधुर मनोहर रूप है, सुंदर मेरे श्याम।
देख नयन पुलकित हुए, लगा सुखद अभिराम।।
मधुर मनोहर श्याम जी, जग के पालनहार।
दया करो हे श्याम जी, करो मुझे भव पार।।
मधुर मनोहर श्याम जी, कितना सुंदर रूप।
जग में छवि है आप की, लगती बड़ी अनूप।।
मधुर मनोहर रूप में, दिखते सुंदर श्याम।
उमड़ा मन में‌ प्यार है, जपूॅं सदा नित नाम।।
मधुर मनोहर रूप प्रभु, मीरा हुई निहाल।
मस्त हुई जो नाम में, छोड़ दिये जंजाल।।
मधुर मनोहर नाम है, कृष्ण कहो या राम।
अपना कर के आप ही, ले जाते निज धाम।।
मधुर मनोहर राम जी, तेरे रूप हजार।
जो ध्याये जिस रूप में, कर लेते स्वीकार।।
मधुर मनोहर हे सखा, दो हर पग पर साथ।
‘शिव’ पतित बड़ा दीन है, रखिये सिर पर हाथ।।

— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995

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