पिता क्या है ?
सिर पर बाल की तरह छाया होते हैं पिता ,
जीवन का वो मजबूत स्तंभ होते हैं पिता ।
हर दुख को सहने की ताकत देते हैं पिता ,
सभी से बढ़कर साहस,विश्वास देते हैं पिता ।
पिता नहीं तो जीवन खाली खाली लगता है ,
हर वक़्त अजब सा सूना – सूना बना रहता है ।
पिता से होती है हर कमी हमारी पूरी जीवन की ,
पिता नहीं तो कोई भी अपना नहीं होता है ।
जीवन की अमूल्य धरोहर हमेशा होते हैं पिता ,
घर के ऊपर छत की तरह छाया होते हैं पिता ।
फ़ूलों के कवच की तरह रक्षा हमेशा करते है पिता ,
हर परिस्थितियों से लड़ने की सीख देते है पिता ।
पिता बिन जीवन का कोई औचित्य नहीं होता ,
पिता समान जग में कोई अपना कभी नहीं होता ।
जीवन का असली सार यही तो है सांसारिक मित्रों ,
जीवन की गुणवत्ता,महत्वकांक्षा सुधार देते हैं पिता ।
कैसे मैं समझाऊ अब अपने दिल की धड़कन को ,
पिता जो हरदम – हरवक्त हमारी यादों में रहते हैं ।
पिता की स्मृतियाँ हर क्षण हरपल तड़पाती हैं हमें ,
कोई और उनके समकक्ष न हो पाती है ना पायी है ।
क्योंकि पिता की कमी जीवन में कोई भर नहीं सकता ,
जो खाली रह गया वो जगह कभी कोई हर नहीं सकता ।
क्योंकि पिता है तो जीवन का हर क्षण भरा भरा लगता है ,
पिता नहीं तो जीवन का हर क्षण , पल अधूरा लगता है ।
जब पिता की याद आती है आँखों में पानी भर जाता है ,
क्योंकि पिता बिन अब जीवन पूरा खालीपन हो गया है ।
जब याद आती पिता की उस खूबसूरत यादगार पलो की ,
वो पल जीवन का सबसे दुखदायी ,दर्दभरा हो जाता है ।
कैसे समझाऊ मैं अपने आप को जो बीत गया वो पल ,
कभी ना आयेगा पिता हमारे स्मृतियों में हमेशा रह जाएंगे ।
— रूपेश कुमार