कविता

शब्दों का घर

जीवन के पन्ने
रोशनी से परिपूर्ण हैं,
हर शब्द अपने अर्थ को
समाहित करता है,चमकता है
संशय पूर्ण रास्तों में
मशाल बनकर जलता है
तपता है,सोना बनता है
तप कर जोगी बनता है
भरता है कोरा कोरा भोला सा मन
हर शब्द का अपना घर बनता है
मेरा आश्रय यही शब्द हैं
मैने किराए के नकली संवेदनाओं
के मकान से परे ,सीधा साधा सा
शब्दों का घर चुना है
कविताओं में रहकर
अंधेरे से लड़कर
बस जीवन के पन्नों में
चमकना चुना है!

— सविता

सविता दास सवि

पता- लाचित चौक सेन्ट्रल जेल के पास डाक-तेजपुर जिला- शोणितपुर असम 784001 मोबाईल 9435631938 शैक्षिक योग्यता- बी.ए (दर्शनशास्त्र) एम.ए (हिंदी) डी. एल.एड कार्य- सरकारी विद्यालय में अध्यापिका। लेखन विधा- कविता, आलेख, लघुकथा, कहानी,हाइकू इत्यादि।

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