कविता

फ़िल्म “शोले” के संग “होली” के रंग

आज बसंती से ज़ब होली खेलने आया वीरू,
मौसी बोली तू दारू छोड़कर पी आया जीरू।
मौसी ने कहा मैं शादी के लिए अभी तैयार हूँ,
रामू काका बोले मैं तो अभी तक “बेकरार” हूँ।

ये गब्बर पूछ रहा था बार-बार कब है “होली”,
सांभा बोला कैलेंडर देख लिया कर हमजोली।
टंकी पे चढ़ गया हैं ये वीरू, रंग लगा दे बसंती,
ऐ मैं शादी नहीं करूंगी, तू मत कर ज़बरदस्ती।

अंग्रेजो के “ज़माने” के जेलर ने खेली “होली”,
हरिराम नाई जूते बेच लाया “भाँग” की गोली।
गब्बर बोला हमसे-ये हाथ हमको दे दे ठाकुर,
अपने हाथों से होली खेल के दिखा नामाकूल।

अरि ओ…छमिया हमको रंग नहीं लगाओगी,
तेरे दांत कपड़े धोने के ब्रश से साफ़ कराऊंगी।
चल-चल धन्नो आज तेरी इज्जत का सवाल हैं,
बताओं मेरे ऊपर नहीं कोई फेंकता ग़ुलाल है।

राधा मैं तुम्हारे गालों पर रंग लगाना चाहता हूँ,
जय, पहले ठाकुरजी से परमिशन लें आती हूँ।
सूरमा भोपाली से दिनभर दस झूठ बुलवाते हो,
होली में एक रूपये का भी रंग नहीं लगाते हो।

— संजय एम तराणेकर

संजय एम. तराणेकर

जन्म वर्ष 1968 कवि, स्वतंत्र लेखक व टिप्पणीकार। शिक्षा स्नातक एवं गायन में 1986 में विद् किया होकर केन्द्रीय सचिवालय हिन्दी परिषद् द्वारा हिन्दी आषुलिपि प्रतियोगिता में वर्ष 1992 प्रषस्ति-पत्र प्राप्त। विशेष रूचि-बॉलीवुड फिल्में एवं संगीत, पुस्तक समीक्षा एवं राजनीति। मैं मूलतः मध्य प्रदेश के स्वच्छता में हैट्रिक लगा चुके एवं चार बार नंबर वन बनें स्मार्ट सिटी इन्दौर का निवासी हूँ। 1990 के दशक में लेखन में मन रमने लगा और ‘पत्र संपादक के नाम‘ से अपनी प्रारंभिक शुरूआत की। लेखकीय सुकून कितना संतोष देता है, इसकी बात ही कुछ और है। युवा होने पर फिल्मी कलाकारों की तरफ झुकाव ने फिल्मों पर आलेख लिखने की प्रेरणा दी। इसमें मेरी रूचि भी थी। विशेषकर पुराने फिल्मी कलाकारों के जीवन से सम्बंधित आलेखों पर अधिक ध्यान आकर्षित रहा। बावजूद इसके लघु कथा व कविता (बतौर युवा कवि आकाशवाणी इन्दौर में कविता पाठ के भी कई अवसर प्राप्त हुए है।) के अलावा सामयिक, सामाजिक एवं राजनैतिक विषयों पर समय-समय पर अपनी लेखनी को आयाम देने के प्रयास आज भी अनवरत हैं। अब तक विभिन्न समाचार-पत्रों में मुख्य रूप से बॉलीवुड/सिनेमा की साप्ताहिक मेगजीनों में आलेखों एवं पुस्तक समीक्षाओं का प्रकाशन हो चुका है। इनमें ‘लोकमत समाचार-आकर्षण व शो टाईम, राजस्थान पत्रिका-बॉलीवुड, पंजाब केसरी व दैनिक ट्रिब्यून के मनोरंजन, राज एक्सप्रेस-राज सिनेमा, द सी एक्सप्रेस-सी सिनेमा, हरि-भूमि के रंगारंग व रविवार भारती, चौथा संसार के बॉलीवुड, बीपीएन टाईम्स के शो बीपीएन व तरंग, लोकदशा के पर्दा-बेपर्दा व विविधा, नव-भारत एवं स्वतंत्र भारत के अलावा कई स्थानीय समाचार-पत्रों में भी आलेखों का प्रकाशन हो चुका है। वहीं ‘स्वतंत्र वार्ता एवं डेली हिन्दी मिलाप‘ में कई वर्षो तक नियमित रूप से लिखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 31, संजय नगर, इन्दौर-452011 मध्य प्रदेश, (वार्ता+वाट्स एप) 98260.25986 ईमेलः [email protected], Facebook – https://www.facebook.com/Taranekar9

Leave a Reply