प्यारा झूला
आहा! कितना प्यारा झूला।
लगा पार्क में न्यारा झूला।
विद्यालय से छुट्टी पाकर
शाम को झूला झूलूँ आकर
कई बाल साथी आ जाते
रखता भाईचारा झूला।
धीरे-धीरे पेंग बढ़ाता
हवा से बातें कर इतराता
बारी – बारी अवसर देता
सबका बहुत दुलारा झूला।
ऊपर जाता – नीचे आता
करना नित संघर्ष सिखाता
प्रसन्नता देकर सुख पाओ
गाता लप्पा लारा झूला।
— गौरीशंकर वैश्य विनम्र