कविता

तुझे मै यूँ निहारता रहा

तुझे मै यूँ निहारता रहा।
तू आगे बढ़ती रही ,
मै अपने अल्फाज़ सभालता रहा।
तू मुझे नजरअंदाज करती रही,
मै बिखरता रहा।
तेरे हाथ मुझे समेटेने को बढ़े भी नही
तुझे देख ही मै निखरता रहा।
है कैसा जादू तुझमे,
जो मै तुझपे फिसलता रहा
तू आगे बढ़ती रही मेरा
दिल मचलता रहा।
हर पल तेरे ख्यालों में,
यूँ भटकता रहा,
तुझे किसी और का होते देख
मै रात भर शिश्कता रहा।
तू आगे बढ़ती रही
मै दिनों दिन बिखरता रहा।

— प्रशांत अवस्थी ‘रावेन्द्र भैय्या’

प्रशांत अवस्थी 'रावेन्द्र भैय्या'

आत्मज- श्रीमती रेखा देवी एवं श्री शुभकरन लाल अवस्थी. जन्मतिथि - 18 सितम्बर 2005. जन्म स्थान - ग्राम अफसरिया ,महमूदाबाद सीतापुर उ.प्र. शिक्षा- डी.एड.स्पेशल एजुकेशन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, मोबाइल नंबर -9569726127. G-mail- theprashantawasthis.pa@gmail.com