कुण्डली/छंद *चंचल जैन 08/04/202508/04/2025 0 Comments द्विगुणित सुंदर छंद हिन्दी प्रियतम भाषा, बोले भारत वासी। वाणी मीठी जानो, निज अभिमान सुहासी। जैसे देशी घी की, खुशबू मन को भाये। अपनी भाषा प्यारी, हिय खुशियां बरसाये।।