कुण्डली/छंद

द्विगुणित  सुंदर छंद

हिन्दी प्रियतम भाषा, बोले भारत वासी।

वाणी मीठी जानो, निज अभिमान सुहासी।

जैसे देशी घी की, खुशबू मन को भाये।

अपनी भाषा प्यारी, हिय खुशियां बरसाये।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

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