कविता

मीठी मुस्कान 

अस्त्र, युद्ध विनाशकारी,

जीव सृष्टी विध्वंसकारी,

शस्त्र मीठी मुस्कान का,

जीवन का प्रेम पुजारी।।

रोते को हौले से हंसा देती,

दुआओं का संबल बनती,

पोंछ आँसूं बाहों में भरती,

खिलखिलाती मधु मुस्कान।।

अधरों पर सजी मुस्कान,

दे मौन प्रणय आश्वासन,

प्यारी-सी मोहिनी अदा,

चंदा की शीतल चांदनी-सी।।

जीवन महकाती मुस्कान,

चेतना चहकाती मुस्कान,

अजनबी भी अपना सा लगे,

ऐसी जादूई होती मुस्कान।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

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