ये वक्फ की संपत्ति है
चिलचिलाती धूप में भागा-भागा
यमराज सीधा मेरे कमरे में आया,
मैं सो रहा था -झिंझोड़ कर जगाया और कहने लगा
वाह हहहहहहह प्रभु! आप चैन से सो रहे हो
या अपने मित्र की दुर्दशा पर व्यंग्य कर रहे हो।
आपका तो कुछ पता ही नहीं चलता
कब किस पाले में खड़े हो जा रहे हो?
भनक तक नहीं लगने दे रहे हो,
अब तो लगता है वक्फ के नाम पर
आप ही यमलोकी जमीनों पर कब्जे करवा रहे हैं।
यदि ऐसा नहीं है तो सच- सच बताओ
भला मंद – मंद मुस्कुरा क्यों रहे हो?
मैंने बड़े प्यार से उसे अपने पास बिठाया
गुड़ की प्लेट और एक बोतल पानी उसकी ओर बढ़ाया
उसने आग्नेय नेत्रों से मुझे घूरा
फिर प्लेट का सारा गुड़
और पानी की पूरी बोतल गटक गया।
फिर इत्मीनान से कहने लगा
सुनो प्रभु! ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा
आपकी सरकार को वक्फ बिल का ताजातरीन कानून
हर हाल में वापस लेना ही पड़ेगा
या धरती पर नया यमलोक निर्मित करना पड़ेगा।
आप जाओ और मोदी-शाह को समझाओ
तत्काल वक्फ बिल वापस कराओ
या यमलोक में भी वक्फ बिल संशोधन पास कराओ।
अब आप कहोगे – ऐसा कैसे हो सकता है?
तो मैं कहता हूँ क्यों नहीं हो सकता है ।
जब से आपकी संसद में ये बिल पास हुआ है
और महामहिम ने हस्ताक्षर कर
उसे कानूनी रुप दे दिया है,
तब से यमलोक में वक्फ के नाम पर खुल्लम खुल्ला
जमीन कब्जाने का नया दौर शुरू हो गया,
मेरे चेले-चपाटे बेघर हो गए हैं
मेरे हाल तो और भी बिगड़ते जा रहे हैं,
कभी यहाँ, तो कभी वहाँ रहकर काम चला रहा हूँ,
धरती से जाने वाली आत्माओं के साथ
खानाबदोशों सी जिंदगी जी रहा हूँ।
मगर अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है,
आप कुछ कीजिए, न कीजिए मेरी बला से
मैं भी आपके इस महल के बाहर
“ये वक्फ की संपत्ति है” का बोर्ड लगवा रहा हूँ
आपको तत्काल प्रभाव से बेघर कर रहा हूँ
और अभी से यमलोक की वैकल्पिक व्यवस्था
यहीं से संचालित करने का प्रबंध कर रहा हूँ।
आपके पूरे परिवार को सड़क पर ला रहा हूँ
सिर्फ भाभी जी को इस निर्णय से अलग रख रहा हूँ
अपने विशेषाधिकार का मैं भी तो प्रयोग कर रहा हूँ।
अब आप चुपचाप उठिए
बिना किसी सामान को लिए इस घर से निकल जाइए
वक्फ बिल वापस कराइए
या फिर किसी नदी नाले में डूबकर मर जाइए
और इस नये यमलोक में आश्रय पाइए।
पर ये भी याद रहे ये मेरी शराफत है
आपका अधिकार नहीं,
आप मेरे मित्र हो, इसलिए सोचता हूँ
कि आपकी आत्मा बेवजह इधर-उधर भटके,
ये अच्छा नहीं लगेगा।
आप मेरे प्रिय मित्र हैं,
और आपकी दुर्दशा का जिम्मेदार मैं हूँ,
तब लोग क्या कहेंगे?
कहने भर की बात नहीं है,
मुझ पर थूकेंगे, ताने और जी भरकर गालियाँ देंगे
पर विश्वास कीजिए आपको भी नहीं बख्शेंगे
मुझसे यारी करने के लिए आपको भी लानत भेजेंगे।
ये भी संभव है आपका वहिष्कार कर
आपका हुक्का पानी भी बंद कर दें,
आखिर तब आप क्या करेंगे और कहाँ जायेंगे?
सिर्फ इसीलिए आपको ये छूट दे रहा हूँ।
अब आप उठिए, आपको दरवाजे तक छोड़ने भी
मैं खुद ही चल रहा हूँ,
आपको होने वाली हर असुविधा के लिए
अग्रिम क्षमा भी आपसे माँग रहा हूँ,
अपराध मुक्त होने का इंतजाम भी लगे हाथ कर रहा हूँ।