रिश्ते अहंकार से बिखर जाते हैं।
रिश्ते हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे हमें खुशी, समर्थन, और सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन रिश्ते भी जटिल हो सकते हैं और उन्हें बनाए रखने के लिए प्रयास और समझ की आवश्यकता होती है।
रिश्ते प्रेम से शुरू होते हैं। प्रेम हमें एक दूसरे के प्रति आकर्षित करता है और हमें एक दूसरे के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करता है। प्रेम के बिना, रिश्ते नहीं बन सकते हैं।
रिश्ते संवाद से जिंदा रहते हैं। संवाद हमें एक दूसरे के साथ जुड़ने और अपने विचारों और भावनाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करता है। संवाद के बिना, रिश्ते में गलतफहमियां और तनाव पैदा हो सकता है।
रिश्ते संवेदनाओं से महसूस होते हैं। संवेदनाएं हमें एक दूसरे के प्रति सहानुभूति और समझ प्रदान करती हैं। संवेदनाओं के बिना, रिश्ते में गहराई और अर्थ नहीं हो सकता है।
रिश्ते दिल से जिए जाते हैं। दिल से जुड़ने का अर्थ है कि हम एक दूसरे के प्रति सच्चे और ईमानदार हैं। दिल से जुड़ने से रिश्ते में विश्वास और स्थिरता आती है।
रिश्ते गलतफहमियों से मुरझा जाते हैं। गलतफहमियां हमें एक दूसरे के प्रति संदेह और अविश्वास पैदा कर सकती हैं। गलतफहमियों को दूर करने के लिए संवाद और समझ की आवश्यकता होती है।रिश्ते अहंकार से बिखर जाते हैं। अहंकार हमें एक दूसरे के प्रति श्रेष्ठ और आत्मकेंद्रित बना सकता है। अहंकार के कारण रिश्ते में तनाव और संघर्ष पैदा हो सकता है।
रिश्ते जटिल और बहुस्तरीय होते हैं। वे प्रेम से शुरू होते हैं, संवाद से जिंदा रहते हैं, संवेदनाओं से महसूस होते हैं, दिल से जिए जाते हैं, गलतफहमियों से मुरझा जाते हैं, और अहंकार से बिखर जाते हैं। रिश्तों को बनाए रखने के लिए हमें प्रेम, संवाद, संवेदनाएं, और दिल से जुड़ने की आवश्यकता होती है।
— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज़