प्रभु की महिमा
पंच तत्व से बनी काया ,
बड़े भाग्य से मानव तन पाया,
प्रभु की कृपा से जीवन पाया
जीवन तो सुख दुख की छाया,
प्रभु अगम, अगोचर सबमें तू समाया,
तेरी माया कोई न जान पाया,
अनेक नामों से लोक में समाया,
समस्त लोक में प्रभु तेरी ही माया,
हर युग में अनेक नाम से रूप में आया,
संपूर्ण जगत में तेरे जैसा कृपालु न पाया,
दुष्ट,दानवों का संहार कर जगत को बचाया,
तेरी कृपा से मानव ने सब कुछ पाया.
— पूनम गुप्ता