बाल कविता

बाल गीत

शहर में एक मदारी आया।
बंदर और रीछ साथ ले आया।

डुगडुगी पर ताल बजाकर।
थैला धरती ऊपर बिछा कर।
जादू वाजा खेल दिखाया।
शहर में एक मदारी आया।

एक हाथ डंडा एक हाथा डोरी।
फिर भी उस ने कर ली चोरी।
एक पुराना गीत सुनाया।
शहर में एक मदारी आया।

बंदर साईकिल खूब चलावे।
घण्टी मस्ती साथ बजावे।
गिरता एक रूमाल उठाया।
शहर में एक मदारी आया।

रीछ ने ढोल बजाया एैसे।
सब को खूब हंसाया एैसे।
बच्चों ने फिर षोर मचाया।
शहर में एक मदारी आया।

चुरलू से वह गेंद बनावे।
डस को जादू संग छुपावे।
मिट्टी से एक फूल बनाया।
शहर में एक मदारी आया।

मुट्ठी खोले उड़े कबूतर।
खाली हाथ में आए छछूंदर। ।
उस ने सब का चैन चुराया।
शहर में एक मदारी आया।

बालम सब ने शोर मचा कर।
ताली संग अभिवादन गा कर।
पैसों का इक ढेर लगाया।
शहर में एक मदारी आया।

— बलविन्दर बालम

बलविन्दर ‘बालम’

ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब) मो. 98156 25409

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