कविता

किस किस को जागरूक करें

कानून के रखवाले खुद कानून की खिल्ली हैं उड़ाते
गुनहगार को जेल में सब सुविधाएं मुहैया हैं करवाते
आम आदमी की घिस जाती है एड़ियां न्याय पाने के लिए
गुनहगारों के लिए रात को भी दरवाजे हैं खुल जाते

जिन पर जिम्मेवारी है भारत का भविष्य बनाने की
बच्चों के भविष्य से वही हैं खिलवाड़ कर जाते
दूसरों को नशे से दूर रहने के बारे में कैसे बताएंगे
जब वही दारू पीकर खुद विद्यालय में है आते

पढ़े लिखे समझदार नासमझी की बात हैं कर जाते
घर का कचरा उठाकर चुपके से रास्ते में हैं फैंक आते
अपने घर तक तो आ गई सड़क किसी की जमीन से
मेरी जमीन से आगे नहीं जाएगी लोगो को हैं आंख दिखाते

सड़क पर गाड़ी चलाते दादागिरी हैं दिखाते
कोई पास मांगे तो लड़ने पर हैं उतर आते
यातायात के नियमों का पालन कभी करते नहीं
दूसरों को यातायात के नियम है समझाते

नशा करना बुरी बात है सबको हैं समझाते
रोज़ रात को दारू पीकर हैं घर आते
चिट्टे को रोकने वाले ही चिट्टा हैं बेचते
बर्दी की मारते धौंस सरेआम हैं धमकाते

जागरूक होकर भी जो पढ़े लिखे बन जाते अनजान
समाज को होता जिससे नुकसान करते हैं ऐसे काम
कैसे कर सकते हैं ऐसे जागरूक लोगों को जागरूक
अंदर से घिनौने केवल सुनने में है इनका बड़ा नाम

— रवींद्र कुमार शर्मा

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र

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