भारत के जवानों के नाम
धरती पर जिनके पग पड़े, आकाश में जो उड़ते हैं,
वीर सपूत वे हमारे, जीवन से बढ़कर करते हैं।
हर दर्द को अपने सीने में छुपाकर,
देश के लिए अपना हर सपना तोड़ते हैं।
न कोई घर, न कोई सुख, न कोई ख्वाब,
इनकी नींदों में बसा केवल एक लक्ष्य है—
देश की धरती की हिफाज़त करना,
हर युद्ध में अपनी शहादत को स्वीकार करना।
इनकी आँखों में हर सदी की गहरी सच्चाई है,
इनके दिलों में बसी हुई एक अदम्य वीरता है।
सैनिक वो नहीं, जो केवल गहनों से सजे होते हैं,
सैनिक वो हैं, जो पसीने में, लहू में डूबे होते हैं।
घर की चौखट को छोड़कर, ये सीमा पर रहते हैं,
कभी बर्फीले तूफ़ानों में, कभी तपते रेगिस्तानों में,
फिर भी इनकी आत्मा में किसी भी ठंडी रात का डर नहीं,
कभी न थकते, कभी न रुकते, बस हर खतरे को हराते हैं।
इनकी छाती पर जो सितारे हैं,
वो हमारी शान का ऐलान करते हैं।
इनके कदमों में बसी है हमारी आस्था,
इनकी नज़रों में हमारी पहचान है।
आओ! हम सब इनकी महिमा गाएं,
हर युद्ध में इनकी जयकार करें।
इनकी शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित करें,
और हर कदम पर इनकी वीरता को याद करें।
— डॉ सत्यवान सौरभ