डिफॉल्ट

मातृभूमि

मन में हो यह भावना 

धर्म हो कोई भी 

देश प्रथम हैं 

वह मिट्टी हम पैदा हुए जिस में 

जो करती लालन पोषण हमारा

वह माँ है हमारी 

हम करते उसका सज़दा 

जो आँख उठे कोई इस पर 

उस आँख को नौच लो

जो उठाये कोई हाथ इस पर

वह हाथ तोड़ दो

हमारा वज़ूद है

अपनी धरती से

न उज़ड़ने दें हम इसको

जान की देकर भी क़ुरबानी

रक्षा करें इसकी

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020

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