परिस्थितियां परिक्षा लेती हैं
जब से जन्म लिया धरा पर,परिस्थितियां परिक्षा लेती हैं।
चोला मानव का जब से मिला, दुख सुख दस्तक देती है।
आसान नहीं है सफर इतना, ज़िंदगी हिचकोले खाती है।
हर मोड़ खड़े तूफान मिलें कभी जीते कभी हार जाती है।
सदा ही फल जीवन में मिले करे जैसी कर्मों की खेती है।
जब से जन्म लिया धरा पर,परिस्थितियां परिक्षा लेती हैं।
मेहनत करना फर्ज अपना, रखना हिम्मत विश्वास सदा।
सत्य पथ पर जो चलता,आशीश प्रभु का रहे पास सदा।
पा लेता हर मुश्किल में ही जो मंजिल उस की चहेती हैं।
जब से जन्म लिया धरा पर,परिस्थितियां परिक्षा लेती हैं।
धीर बनों ,गंभीर बनों, आगे बढ़ना ही , लक्ष्य अपना रहे।
शुभ काम करके जग को दिखाएं मन में ऐसा सपना रहे।
कर्मशील बन कर जो रहता, उसने अभाग्य रेखा मेटी है।
जब से जन्म लिया धरा पर,परिस्थितियां परिक्षा लेती हैं।
— शिव सान्याल