कविता

समाधान निकलेगा

अनुत्तरित प्रश्न,

अनसुलझी समस्याएँ,

रिश्तों के रिसते घाव

जीने का बिखर गया चाब।

कदम-कदम बिछी बाधाएं,

शारीरिक-मानसिक व्याधाएँ,

विश्वास से निकलता घात

मिलने पर भी ना कोई बात।

सोशल मीडिया पर हजारों मित्र,

दिल में नहीं है कोई चित्र,

समाज को लगाई जिसने लात

लाइव आत्महत्या इसकी औकात।

शादी, बलात्कार, धर्म परिवर्तन,

सोशल मीडिया का कैसा नर्तन?

छिप जाता धर्म, छिप जाती जात

अन्तस भी घायल, घायल है गात।

समस्याएँ खुली हैं,

आंखें अश्रु धुली हैं,

मीडिया को हटा सीधे करें बात

समाधान निकलेगा, मिल खाओ भात।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)

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