मुक्तक/दोहा

दोहे

कैसे कैसे लोग हैं,कैसी इनकी सोच |
देश अहित मत बोलिए,करिये कुछ संकोच ||

भीतर जो गद्दार हैं,जो करते बकवास |
समझो रण की नीतियां,होती हैं कुछ खास ||

आजादी अभिव्यक्ति की,है मौलिक अधिकार |
देश विरोधी बोल पर,तय करते गद्दार ||

कहीं भी कुछ न बोलिए, करिये प्रथम विचार |
भारत हित का ध्यान तो ,रखती है सरकार ||

मोदी जी ने देश का,ऊँचा किया है भाल |
उनके शासन को कहो,सबसे स्वर्णिम काल |

जंग अगर न रोकते,क्या होता अन्जाम |
परमाणु हथियार से,होता युद्ध विराम ||

आतंकी करतूत का,देकर उसे जवाब |
समझाया मत देखना,हमसे रण का ख्वाब ||

— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त

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