गुणवत्ता लाने का संकल्प
बोझिल बेरंग जिंदगी में
एकमात्र रंग शिक्षा ही है,
सरकारों का रवैया दर्शाता है कि
मुफ्त में दे रहे भिक्षा है,
ये कैसा गुणवत्ता लाने का संकल्प है कि
जिसके लिए विद्यालय बंद कर रहे हैं,
ये पहली बार है कि जिम्मेदार
अपनी कर्तव्यों से मुकर रहे हैं,
ये तो मरीज का इलाज
उसी तरह करना चाहते हैं
पेट भूखा रहे सिर्फ गोली खाओ,
बच गए तो तो हमारी वजह से
वर्ना सब भाड़ में जाओ,
गुणवत्ता विद्यालय बंद करने से,
शिक्षकों की संख्या कम करने से,
या कोई भी मनमानी या
सितम करने से नहीं आती,
इसके लिए स्थलों पर जाकर
परिस्थितियों को जानना समझना होगा,
न कि वातानुकूलित कमरों में बैठ
कोई भी नियम बना फरमान से होगा,
जिनकी औकात निजी संस्थानों में
अपने बच्चों को भेजने की है
वह भी सरकारी स्कूलों के लिए
लालायित होगा जब
हर सुविधा शालाओं को उपलब्ध हो,
सरकार और शिक्षक
कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध हो,
एक गलत या कमजोर निर्णय
देश को कमजोर कर देगा,
तब देखते रहेंगे ऐसे ही
गुणवत्ता लाने का संकल्प।
— राजेन्द्र लाहिरी