वह दिल्ली में है
वह दिल्ली में है
उसने बताया, वहाँ ओले गिरे
और पूछा क्या अपने यहाँ भी गिरे है?
मैंने बताया नहीं
गर्मी है! भीषण गर्मी!
बोली बादल भिजवा दूँ?
मैंने कहा अगले माह भिजवाना
अच्छा!
मैंने कहा तुमको भेज रही हूँ
खूब सारा स्नेह!
बहुत सारी दुआएं
और एक खुला आसमाँ
जिसका तुम कागज बना लेना
और लिखना वह सब
जो तुम्हारा मन कहे
मैंने भेजे शब्द, भावनाएँ और
एक कलम।
शुक्रिया!
उसने बोला बादल भेजती हूँ
मैंने कहा
बादलों के साथ भेजो तुम
आजादी!
सवाल पूछने की
सच लिखने की
दिल्ली से भिजवा दो
बादल संग थोड़ी सी आजादी!
— निशा अविरल