कविता कभी पुरानी नहीं होती : विष्णु सक्सेना

गाजियाबाद _ “कविता अंतर्मन से निकली एक धारा है, इसीलिए वह हमेशा जीवंत रहती है। कविता कभी पुरानी नहीं होती।” गाजियाबाद के वरिष्ठ कवि विष्णु सक्सेना ने वरिष्ठ काव्य मंच उड़ीसा इकाई द्वारा रविवार 25 मई 2025 को आयोजित राष्ट्रीय ई काव्य गोष्ठी के मंच पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में संभाषण करते हुए यह विचार व्यक्त किए। वरिष्ठ काव्य मंच उत्तराखंड की अध्यक्ष माहेश्वरी ने गोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में संभाषण करते हुए कहा कि जीवन सीखने की प्रक्रिया है, हम जीवन भर हर किसी से कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं। गोष्ठी में उड़ीसा, तेलंगाना, बिहार , ऊ प्र,उत्तराखंड से आए कवियों ने विविध विषयों पर अपनी मधुर कविताएं प्रस्तुत कर मंच को समृद्ध किया ।ऑपरेशन सिंदूर पर प्रमोदिनी पंडा और शशिकला अवस्थी ने अपनी ओजपूर्ण कविताएं प्रस्तुत की। सुश्री विद्यांका ने अपनी पति परमेश्वर कविता में पति पत्नी के बीच व्यवहार के मुद्दों को लेकर कई ज्वलंत प्रश्न उठाए। वहीं राम निवास तिवारी ने अपनी कविता राम मोक्ष का द्वार है हमारे जीवन का आधार है को सुना कर वातावरण राम मय बना दिया । वहीं हर्षिता ने अपनी कविता बस तेरा एक सहारा काफी है। इसी भाव को समृद्ध किया। शशि श्रीवास्तव ने समाज में रिश्ते नातों के महत्व पर अपनी कविता में प्रकाश डाला । ललित शर्मा ने नए नए प्रतीकों व प्रतिमानों का प्रयोग अपनी कविता ” मैं ऋतु का पहला फूल हूं “में करके मंच को गरिमा प्रदान की । वहीं सुश्री नाहिदा शाहीन ने अपनी दर्पण कविता में नेताओं से लेकर समाज के हर वर्ग को आइना दिखाने का प्रयास किया। विप्लव चेतन ने पाठशाला को ज्ञान मंदिर बताते हुए एक भावपूर्ण कविता प्रस्तुत की । उड़ीसा इकाई की अध्यक्ष सावित्री मिश्रा ने गोष्ठी का सफलता पूर्वक संचालन करते हुए संस्कारों की मधुर सुगंध बिखेरते हुए कविता में कहा ,” अनुशासन भावी सुंदर जीवन का है आधार ,अच्छी बातों को अपनाना कहलाता संस्कार ” । विशिष्ट अतिथि गाजियाबाद के विष्णु सक्सेना ने पति पत्नी के बीच अनसुलझे प्रश्नों के समाधान को लेकर एक भावपूर्ण कविता प्रस्तुत करते हुए कहा , “हम आदमी बने रहने के लिए क्षण दो क्षण ही सही देवता बन जाएं ।”वहीं मुख्य अतिथि माहेश्वरी कनेरी ने मन को स्पर्श करता एक मधुर गीत प्रस्तुत करते हुए कहा,” खट्टी मीठी याद सुहानी , पढ़ लेना प्रिय इसे तनिक तुम , अंतर्मन का भाव लिखा है ” । अंत में संस्थापक नरेश नाज की ओर से उपाध्यक्ष नहीदा शाहीन ने सभी का आभार व्यक्त किया।