कविता

अनंत सनातन

दिन बीत जाते हैं
मगर नहीं बीतता
वह लम्हा
जो हमें अपने ईश के समीप ले जाता है।

अवधि बीत जाती है
मगर नहीं बीतता
वह पल
जो हमें जड़ता से
चेतन की ओर सदा के लिए ले जाता है।

समय बीत जाता है
मगर नहीं बीतता
वह क्षण
जो हमें शाश्वत के करीब ले जाता है।

वक़्त बीत जाता है
मगर नहीं बीतता
वो निमिष
जो हमें अविनाशी के निकट ले जाता है।

— डॉ. राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233

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