नग्मा
ये जो नग्मा दिल मेरा गुनगुना रहा है किसी मीत का गाया हुआ सा लगता है सबकुछ खोकर आये हैं
Read Moreरोती बिलखती बोली बेटी अपने बाबा से अँगनाई मे दहेज के दम पर दूल्हा ना खरीदो बाबा मेरी सगाई में
Read Moreआज रक्षाबंधन है, आज का दिन भला मैं कैसे भूल सकता हूँ| आज का दिन मेरी जिन्दगी का सबसे खूबसूरत
Read Moreकितना कुछ कह ना पाई वो कितना कुछ छुपाये है औरत ही तो है ना साहब हर रिश्ता दिल से
Read Moreकहाँ तुम सा कोई होता है कहाँ हम सा कोई मिलता है उजड़ जाते है कई रस्मों रिवाजों के सुनहरे
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