कविता अभिषेक जैन 06/01/2021 कविता दुखो के बीच जीने की चाह पैदा कर रहा हूं मैं खुद को ऐसा बना रहा हूं कि मुझे जिंदगी Read More
कविता अभिषेक जैन 21/12/2020 काविता अपनी बारी का इंतजार था मगर वो बारी आई नहीं उसका इंतजार आज तक है मैं खुद को कैसे हारा Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 21/12/2020 गजल सफर थोड़ा है अब आराम चाहता है। अब मुसाफिर अपना धाम चाहता है। कभी करो और भी मेहनत और भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 21/12/2020 गजल क्या सचमुच नया साल आया है मेरे दिल में आज फिर सवाल आया है हद बढ़ गया नखरा आधुनिक समय Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 21/12/2020 गजल आपका ग़म लेकर साल नया है आया भुले हुए यार की मुझको याद दिला गया जहां में क्या अब खुशी Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 15/12/2020 गजल बदला नहीं अभी कुछ भी तो नया साल क्यो कहा। झूठ भी कहा जो तुम तो इतना कमाल क्यो कहा। Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 12/12/2020 गजल सुनो हमसे वो बात करते है और जुबां वाले खामोश बैठे हैं बिछड़कर हम मरे नहीं उनसे यानी वो सचमुच Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 11/12/2020 गजल जान बाकी है जहान बाकी है। अभाव में जीनों को किसान बाकी है। लग गई सारी उम्र चुकाने में उसको Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 11/12/2020 गजल रात दिन किसी के लिए जो रोते रहेंगे। कब तक यूं ही खुशियों को खोते रहेगे। दिल को उदास रखना Read More
कविता अभिषेक जैन 11/12/2020 कविता वो क्या जाने जीत का जायका जिसने कभी हारी न हो अपनी जीती बाजी क्योंकि जीत हार के ही हासिल Read More