पथिक तुम्हे जाना कहाँ है
पथिक तुम्हे जाना कहाँ है मार्ग ये अवरुद्ध है जन आज जन से क्रुद्ध है पथिक तुम्हे जाना कहाँ है
Read Moreपथिक तुम्हे जाना कहाँ है मार्ग ये अवरुद्ध है जन आज जन से क्रुद्ध है पथिक तुम्हे जाना कहाँ है
Read Moreमैं जीना चाहता हूँ ………इतनी ज्यादा शिद्दत से जिन्दगी की तलब कभी नहीं रही …. जानता हूँ कि आत्मा मरती नहीं….जानता हूँ
Read Moreअनुबंधों से सम्बन्धों में, सबकुछ आशातीत रहा तुम बिन मैं जीवित तो हूँ पर जीवन ना बीत रहा द्रवित
Read Moreद्रष्टि जो देख लेती मन के भीतर भी चक्षु जो बुझा देते ह्रदय की तर्षितर भी होठ जो बिना कहे
Read Moreकुछ सपनें टूट गए तो क्याकुछ अपने रूठ गए तो क्याजीवन के ……दुर्गम पथ परकुछ साथी छूट गए तो क्यासूरज
Read Moreनैन कमान के चितवन से …..बस घायल कर देती हो कैसे तुमको समझाऊँ तुम…. बस पागल कर देती होजन्मों से प्यासा
Read Moreजब धर्म – कर्म की बात करूँ, ये मर्म सदा उत्पात करें जीवन के दुर्गम पथ पर ये, ..बस कष्टों की
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