‘नवगीत वाङ्मय’ : कविता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संकलन — राजा अवस्थी
[पुस्तक : नवगीत वाङ्मय, संपादक : अवनीश सिंह चौहान, प्रकाशक : आथर्सप्रेस, नई दिल्ली, प्रकाशन वर्ष : 2021 (संस्करण प्रथम,
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Read Moreफागुन का सुंदर, सुहावना एवं मनभावन महीना हो और होली का हुड़दंग न हो, रंग-गुलाल की बौछार न हो, फाग-राग
Read Moreकई बार मैंने अपने पिताजी से आग्रह किया कि पिताजी दादाजी के बारे में कुछ बताएं? सुना है दादाजी धनी-मनी,
Read Moreसुविख्यात साहित्यकार श्रद्देय देवेन्द्र शर्मा ‘इन्द्र’ जी (गाज़ियाबाद) से कई बार फोन पर बात होती— कभी अंग्रेजी में, कभी हिन्दी
Read Moreछुटकी बिटिया अपनी माँ से करती कई सवाल चूड़ी-कंगन नहीं हाथ में ना माथे पर बैना है मुख-मटमैला-सा है तेरा
Read Moreघर-मकान में क्या बदला है, गौरैया रूठ गई भाँप रहे बदले मौसम को चिड़िया और चिरौटे झाँक रहे रोशनदानों से कभी
Read Moreबड़े चाव से बतियाता था अपना गाँव-समाज छोड़ दिया है चौपालों ने मिलना-जुलना आज बीन-बान लाता था लकड़ी अपना दाऊ
Read Moreचौतरफा है जीवन ही जीवन कविता मरे असंभव है अर्थ अभी घर का जीवित है माँ, बापू, भाई-बहनों से चिड़िया
Read Moreधरती पर धुंधगगन में घिर बदरा आएलगे इन्द्र की पूजा करनेनम्बर दो के जल सेपाप-बोध से भरी धरा परबदरा क्योंकर बरसेकृपा-वृष्टि हो बेकसूर
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