कविता एस. अमन्दा सरत्चन्द्र 17/11/202417/11/2024 0 Comments घड़ी घड़ी ने कहा कि करीब समय का जाने के बारे मेंवह और क्षण का आरम्भ नहीं हैसेकेंड़ का सुई भी Read More
कविता एस. अमन्दा सरत्चन्द्र 03/10/202403/10/2024 कविता अचानक मेरा दिल मर गयामेरा मन मर गयाऔर मेरा पूरा जीवन भीमैं एक रेगिस्तान हुआ और हुआगज़ब और गड़बड़ हुआमगर Read More
कविता एस. अमन्दा सरत्चन्द्र 18/09/202418/09/2024 दिल थाम होनेवाला घंटा जैसा प्यारा क्षण में कहानीआगे जा सकने का समय है वहजैसा लोक में रहना इससे अल्पमात्र मेंविचित्रता रहना लोक है Read More
सामाजिक एस. अमन्दा सरत्चन्द्र 18/09/202418/09/2024 मुस्कान मनुष्य के आस-पास की भावनाओं में खुशी कहते ही हमको मुस्कान की याद आती है।गज़ब है तो उसको खुशी और Read More
सामाजिक एस. अमन्दा सरत्चन्द्र 18/09/202418/09/2024 रिश्ते हम सब जानते हैं कि अलग – अलग रिश्ते हैं। माँ बाप – संतान, भाई – बहन , दोस्ती , Read More