पुरुष
पुरूष, संस्कृति का दर्पण है पुरूष आत्मविश्वास का प्रतिनिधि है पुरूष कर्मठता का प्रतीक है पुरूष संघर्षशीलता का चित्रण है
Read Moreअरे! बीते हुए कल बेफिक्र होकर मत घूम। तुमसे अपने हर दर्द का हिसाब लूंगा । अरे! बीते हुए कल
Read Moreकभी किसी ने बैठकर सोचा ,नहीं सोचा होगा, क्योंकि हम अपने जीवन में इतने व्यस्त हैं, कि हमारे पास इस
Read Moreसिर को झुकते देखा है, पर झुकाते नहीं देखा अभी अपनापन देखा है, परायापन नहीं देखा अभी प्यार देखा है,
Read Moreयादें जो हमें किसी के होने का एहसास करवाती है, यादें जो हमें किसी को भूलने नहीं देती, यादें जो
Read Moreचलो आज फिर से, एक बार अजनबी होकर मिलते हैं। चलो आज फिर से , एक दूसरे का नाम पूछते
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