कविता

खामोशी

खामोशी बहुत कुछ कहती है
खामोशी दिल की
मोहब्बत बयान करती हैं।
खमोशी अपनेपन का
एहसास करवाती हैं।
खमोशी अक्सर
अनकहे शब्दों को कहती है।
खमोशी सिर्फ
तुम्हारा ही इंतजार करती हैं।
खमोशी दिल के दर्द को
नजरअंदाज करती हैं।
खमोशी बहुत कुछ
कहने को बेकरार होती है।
खमोशी फिर से
तुम्हारे पास बैठना चाहती है।
खामोशी फिर अपना
एहसास करवाना चाहती है।
खमोशी सिर्फ तेरे साथ
जिंदगी बीताना चाहती है।

— अमित डोगरा

अमित डोगरा

पी एच.डी (शोधार्थी), गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर। M-9878266885 Email- amitdogra1@gmail.com