कलाधर छंद गीत : एक दीप प्रेम पूर्ण द्वार पे लगाइये
हर्ष व्याप्त यत्र तत्र राम के सुस्वागतार्थ, गीत सर्व मंगली सदा सदैव गाइये। अंधकार दूर हो प्रकाशमान हो भविष्य, एक
Read Moreहर्ष व्याप्त यत्र तत्र राम के सुस्वागतार्थ, गीत सर्व मंगली सदा सदैव गाइये। अंधकार दूर हो प्रकाशमान हो भविष्य, एक
Read Moreशब्द उथला, भाव गहरा होता है राम शब्द में भला कहाँ ‘राम’ होता है! ‘राम’ कहना सरल बनना कठिन होता
Read Moreजीवन के इस मोड़ में, यादें ही अब शेष बेटा बेटी छोड़ के, चले गए परदेश चले गए परदेश, जरा
Read Moreचक्र व्यूह का गठन हो रहा फिर से आज विरोधी द्वारा दुर्योधन शकुनि संग मिलकर छल बल झोंक रहा है
Read Moreअसाध्य कष्ट साधता, अनेक दुक्ख झेलता निरभ्र व्योम को झुका, खुशी समस्त मोलता गृहस्थ यान सारथी, सुधीर धैर्यवान है कुटुंब
Read More