कविता
मैंने दीवारों के कान नहीं देखे फ़िर भी बातों को दीवारों के पार जाते देखा है शायद दीवार पर रेंगने
Read Moreप्रेम पर लिखना आसान नहीं मन को कुरेदना होताहै वही लिखना है जो सोचते हो पर शब्द नहीं मिलते है
Read Moreबड़ी होती लड़की बिन्दास थी उफान थी तूफ़ान थी घूरती निगाहों ने बना दिया उसे घबरा घबरा कर हकलाते हुये
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