आखरों की प्रीत
अब न होगी कल इस शहर में मेरी सहर जाना हैं अब मुझे निशा के गहन तिमिर में बसाकर याद-ए-मोहब्बत
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Read Moreआता देख काफिला सुन गाड़ियाँ की गडगडाहट। विस्मीत सी सीना थामे वो एक माँ………… जिसे पता तक नहीं कि हो
Read More**वंदेमातरम ** कोयल की कूक से भी मीठा हैं वंदेमातरम। शरों की दहाड़ों से ऊँचा हैं वंदेमातरम।। वीरों की हूँकारों
Read Moreअंतिम सत्य …… होनी हैं मृत्यु निश्चित फिर मनु ……… क्यों हो तुम द्वंद्व में देख इस प्रलय को।। ये
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