अब न होगी कल इस शहर में मेरी सहर जाना हैं अब मुझे निशा के गहन तिमिर में बसाकर याद-ए-मोहब्बत तुम्हारी लड़ना हैं सीमा समर में मगर ए हमदम सुन देख इस विरह वेला को हो न जाना विकल तुम ये थाम लो कागज़ जिसके हरेक आखर में ……… बसी हैं मोहब्बत हमारी जब छुएगी […]
Author: अनमोल तिवारी 'कान्हा'
नव प्रभात
नई नवेली दुल्हन सी नव प्रभात की नवल किरण आलोकित अवनि को करती शैने:- शैने: समीर संग आ पहुँची अब आँगन में गुंजित गीत गुलशन में करते मधुर मिलंद मन मचा उन्माद पल पल प्रत्युषपान का पल्लव कर रहे कब से इंतज़ार नहीं निशा का रहा नशा अब कोमल कोमल किसलय पर मंद-मंद मदमस्त […]
शहीद की माँ
आता देख काफिला सुन गाड़ियाँ की गडगडाहट। विस्मीत सी सीना थामे वो एक माँ………… जिसे पता तक नहीं कि हो गया हैं शहीद लाल उसका सीमा पे सुबकती सी सिसकती सी जब रख कलेजे पर पत्थर देखा उसने कफन हटा हाँ !!! सचमुच यह तो उसी का लाल था।। और एक गहरा धक्का लगा अचानक […]
** वंदेमातरम **
**वंदेमातरम ** कोयल की कूक से भी मीठा हैं वंदेमातरम। शरों की दहाड़ों से ऊँचा हैं वंदेमातरम।। वीरों की हूँकारों का अभिमान वंदेमातरम। केसरिया बलिदानी हैं रंग वंदेमातरम।। करते तुझे नमन हम ऐ प्यारे वंदेमातरम (1) बंकिम की कलम से निकला हैं वंदेमातरम। कश्मीर की घाटी में निखरा हैं वंदेमातरम। सूरज की किरणों सा चमका […]
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य …… होनी हैं मृत्यु निश्चित फिर मनु ……… क्यों हो तुम द्वंद्व में देख इस प्रलय को।। ये परिवर्तन तो अरे ! महज थोथी कपूर हैं जो बदल लेती हैं रूप नया पाकर धूप हवा का संग और घोल देती हैं अपनी सुगंध धरा के उपवन में फिर ऐसे ही निर्जीव सा बैठा […]