गीतिका/ग़ज़ल डॉ. आरती कुमारी 15/09/2022 ग़ज़ल आप तो रिश्तों में भी चालाकियाँ करते रहे हम ज़माने के लिए नादानियाँ करते रहे हम बदल जाते बदल जाती Read More