गीतिका/ग़ज़ल अरुण शर्मा साहिबाबादी 20/04/202528/04/2025 0 Comments ग़ज़ल कि जब मेरी बेटी लगेगी कमाने,मैं उस रोज़ जाऊंगा गंगा नहाने। नहीं रोक पायेंगे ज़ख़्मी भी शाने,मैं निकला है बेटी Read More