गीतिका/ग़ज़ल अरुण शर्मा साहिबाबादी 01/05/202502/05/2025 ग़ज़ल जनम दिन पे मां आई मुझको बुलाने,मुझे मेरे बचपन के सामां दिखाने। मुझे मां चली फिर नज़र से बचाने,मुझे काला Read More
गीतिका/ग़ज़ल अरुण शर्मा साहिबाबादी 20/04/202528/04/2025 ग़ज़ल कि जब मेरी बेटी लगेगी कमाने,मैं उस रोज़ जाऊंगा गंगा नहाने। नहीं रोक पायेंगे ज़ख़्मी भी शाने,मैं निकला है बेटी Read More